प्रत्येक मनुष्य को ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जो श्रोता (सुनने वाले) के मन को आनंदित (अच्छी लगे) करे। ऐसी भाषा सुनने वालो को तो सुख का अनुभव कराती ही है, इसके साथ स्वयं का मन भी आनंद का अनुभव करता है। https://kabir-k-dohe.blogspot.com/2021/01/aisi-vaani-boliye.html