ये महाकाल की दुनिया हैं जहाँ वीर श्रीराम के वो समंदर ही क्या जिसका कोई किनारा न हो, वो इबादत ही क्या जिसमे महाकाल नाम तेरा न हो, हीरे मोती और जेवरात तो सेठ लोग पहनते है हम तो भोले के भक्त है इसीलिए रुद्राक्ष पहनते है छोड़ दी https://anatolef701hmo8.izrablog.com/profile